Tuesday, June 6, 2017

चंद हाईकू....अलका गुप्ता

बढ़ा तू हाथ !
भूल सारे विषाद !
पीछे से हँसी ! 

नन्हीं सी ख़ुशी !
हँसेगा सारा जहाँ !
तेरे साथ ही ! 

जिन्दगी तेरी !
बिताना क्या गमों में !
ढूंढ ले खुशी ! 

कर श्रृंगार !
हृदय गुलाब से !
सहज कर ! 

नियामत है !
तोहफ़ा है जिन्दगी !
है बंदगी भी ! 

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